भारत ने ट्रंप के दावे को नकारा, विदेश मंत्रालय बोला
भारत ने ट्रंप के दावे को नकारा, विदेश मंत्रालय बोला- ऑपरेशन सिंदूर के बाद व्यापार पर नहीं हुई कोई बातविदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को लेकर उठ रहे सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने संघर्ष विराम के लिए डीजीएमओ को फोन किया। संघर्ष विराम के बाद भी सिंधु जल संधि स्थगन बरकरार रहेगा। “कश्मीर पर मध्यस्थता मंजूर नहीं है। पाकिस्तान को पीओके खाली करना होगा।”
– विदेश मंत्रालय प्रवक्ता भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम को लेकर विदेश मंत्रालय ने प्रेस वार्ता की। इस दौरान संघर्ष विराम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि कश्मीर पर भारत को किसी मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्रंप के दावे को नकारते हुए स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने की सहमति तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत हुई। इनमें से किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान को पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) से अपनी सेनाएँ वापस बुलानी चाहिए और इस क्षेत्र को भारत का अभिन्न अंग मानना चाहिए। संघर्ष विराम के बावजूद, भारत ने सिंधु जल संधि पर अपना रुख नहीं बदला है और यह स्थगन जारी रहेगा। इस संधि के तहत भारत पाकिस्तान को जल संसाधनों का एक निश्चित हिस्सा देता है। प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के मामलों में किसी भी बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करेगा और कश्मीर मामला भारत का आंतरिक मामला है।
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