प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण आवास योजना है, जिसका उद्देश्य शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों को किफायती आवास प्रदान करना है। यह योजना “सबके लिए आवास” के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करती है
अनुकूल पक्के आवास उपलब्ध कराना है। इस योजना को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा है, यह योजना पात्र परिवारों को निम्न चार घटकों के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करती है:
लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी): इस योजना के बीएलसी घटक के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उन पात्र परिवारों को, जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख तक है, अपनी उपलब्ध भूमि पर 45 वर्गमीटर तक के नए पक्के आवास बनाने के लिए ₹2.5 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी): भागीदारी में किफायती आवास (एएचपी) घटक के तहत ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों को पक्का मकान स्वामित्व में देने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। इस घटक के तहत 30-45 वर्गमीटर कारपेट क्षेत्रवाले किफायती आवास सार्वजनिक/ निजी एजेंसियों द्वारा बनाए जाएंगे और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पात्र लाभार्थियों को आवंटन के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। ईडब्ल्यूएस लाभार्थियों (वार्षिक आय₹3 लाख तक) को आवास खरीदने के लिए केंद्र और राज्य एजेंसियों द्वारा ₹2.5 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
किफायती किरायेदार आवास (एआरएच): यह घटक उन शहरी निवासियों के लिए किफायती और स्वच्छ आवास सुनिश्चित करेगा, जो मकान का स्वामित्व नहीं चाहते, बल्कि अल्पकालिक आधार पर आवास की आवश्यकता रखते हैं, या जिनके पास मकान बनाने या खरीदने की वित्तीय क्षमता नहीं है। ए आर एच के तहत शहरी प्रवासी/बेघर/निराश्रित/औद्योगिक श्रमिक/कामकाजी महिलाएं/निर्माण श्रमिक, शहरी गरीब (स्ट्रीटवेंडर्स, रिक्शा चालक, अन्य सेवा प्रदाता, आदि), बाजार/व्यापार संघों, शैक्षिक/स्वास्थ्य संस्थानों, आतिथ्य क्षेत्र और संविदा कर्मचारियों के लिए पर्याप्त किराये के आवास को बढ़ावा दिया जाएगा।राज्य/संघ राज्य क्षेत्र सरकार यह सुनिश्चित करेंगी कि पानी, सीवरेज, स्वच्छता, आंतरिक सड़क, सामुदायिक केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, क्रेच आदि जैसी नागरिक/सामाजिक बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं पूरी की जाएं, ताकि ये आवास रहने योग्य बन सकें। ई डब्ल्यू एस और एलआईजी लाभार्थी, जिन की वार्षिक आय क्रमशः₹3 लाख और ₹6 लाख है, इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस): 2.0 की ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस) के तहत, पात्र लाभार्थियों को 01.09.2024 या उसके बाद स्वीकृत और वितरित किए गए गृहऋण पर सब्सिडीदी जाएगी। यह लाभ ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी श्रेणी के लाभार्थियों को मकान खरीदने/पुनर्खरीद/निर्माण के लिए दिया जाएगा। ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी श्रेणियों के वे परिवार जिनकी वार्षिक आय क्रमशः ₹3 लाख, ₹6 लाख और ₹9 लाख तक है, इस योजना का लाभ लेने के पात्र है। योजना के तहत ईडब्ल्यूएस/एलआईजी और एमआईजी लाभार्थी के रूप में पहचान के लिए व्यक्तिगत ऋण आवेदक को आय का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा।
आवश्यक दस्तावेज़
PMAY-U 2.0 योजना के अंतर्गत अपनी माँग प्रस्तुत करने से पहले, कृपया सुनिश्चित करें कि आपके पास निम्नलिखित दस्तावेज़ तैयार हैं: 1. आवेदक का आधार विवरण (आधार संख्या, आधार के अनुसार नाम, जन्म तिथि)। 2. परिवार के सदस्यों का आधार विवरण (आधार संख्या, आधार के अनुसार नाम, जन्म तिथि)। 3. आवेदक के सक्रिय बैंक खाते का विवरण (खाता संख्या, बैंक का नाम, शाखा, IFSC कोड) जो आधार से जुड़ा हो। 4. आय प्रमाण। (केवल पीडीएफ फाइल,साइज़ 100kb) 5. भूमि दस्तावेज (लाभार्थी आधारित निर्माण बीएलसी घटक के मामले में)। (केवल पीडीएफ, फाइल साइज़ 1mb)